शत्रुघ्न कुमार की कथा
शत्रुघ्न कुमार की कथा रिपुसूदन पद कमल नमामी सूर सुसील भरत अनुगामी ॥ संसारमें भगवान्के कई प्रकारके भक्त होते हैं।
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Read moreमहाराज सुरथ की कथा सब साधन कर फल यह भाई। भजिअ राम सब काम बिहाई ॥ कुण्डलपुरके राजा सुरथ परम
Read moreलक्ष्मण जी की कथा बंदउँ लछिमन पद जलजाता। सीतल सुभग भगत सुखदाता ॥ रघुपति कीरति बिमल पताका दंड समान भयउ
Read moreराजा दशरथ की कहानी बंदउँ अवध भुआल सत्य प्रेम जेहि राम पद। बिसुरत दीनदयाल प्रिय तनु तुम इव परिहरेड ॥
Read moreराजा जनक की कथा आत्मारामाश्च मुनयो निर्ग्रन्था अप्युरुक्रमे । कुर्वन्त्यहैतुकों भक्तिमित्यम्भूतगुणो हरिः ॥ ( श्रीमद्भा० १ । ७ । १०)
Read moreराजा रघु की कथा सूर्यवंशमें जैसे इक्ष्वाकु, अजमीढ़ आदि राजा बहुत प्रसिद्ध हुए हैं, उसी प्रकार महाराज रघु भी बड़े
Read moreराजा दिलीप की कथा गयो मे अग्रतः सन्तु गावो मे सन्तु पृष्ठतः गायोमेसन्तु गवां मध्ये वसाम्यहम् ॥ इक्ष्वाकुवंशमें महाराज दिलीप
Read moreराजा हरिश्चंद्र की कथा सत्य मूल सब सुकृत सुहाए। बेद पुरान प्रगट मनु गाए । महर्षि विश्वामित्रजीकी कृपासे सशरीर स्वर्ग
Read moreराजा रुक्माङ्गद की कथा प्रह्लादनारदपराशरपुण्डरीक। व्यासाम्बरीषशुकशौनकभीष्मदाल्भ्यान्रु क्माङ्गदार्जुनवसिष्ठविभीषणादीन् पुण्यानिमान् परमभागवतान् नमामि ॥ इक्ष्वाकुवंशमें अयोध्यानरेश ऋतध्वजके पुत्र महाराज रुक्माङ्गद हुए। ये धर्मात्मा
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