maharana pratap ka rajtilak
maharana pratap ka rajtilak अत्यंत विलासिता में लीन रहनेवाले राणा उदयसिंह का शरीर दिन प्रतिदिन जीर्ण हो रहा था। 1570
Read moremaharana pratap ka rajtilak अत्यंत विलासिता में लीन रहनेवाले राणा उदयसिंह का शरीर दिन प्रतिदिन जीर्ण हो रहा था। 1570
Read moreमहाराणा प्रताप का बाल्यकाल प्रताप सिंह का बाल्यकाल राणा उदयसिंह की 20 पत्नियों में जैलोर के राजवंश की जैवंताबाई
Read moreराजाराम जी के दोहे दोहा 1 हरसिंघ कहे ब्राह्मण सुणौ धरो पुत्र को नाम । तिल बधता जव बधें, बध
Read moreराजारामजी की आरती ओम जय गुरूदेव हरे, प्रभु जयगुरूदेव हरे ।। अधम उद्धारण कारण, भक्ति बढावन कारण संतन रूप धरे
Read moreठण्डी रोटी प्रेरक लघुकथा एक लड़का था। माँने उसका विवाह कर दिया। परन्तु वह कुछ कमाता नहीं था। माँ जब
Read moreबुद्धिमान बंजारा प्रेरक कहानी एक बनजारा था। वह बैलोंपर मेट (मुल्तानी मिट्टी) लादकर दिल्लीकी तरफ आ रहा था। रास्तेमें कई
Read moreलिङ्गाष्टकम् स्तोत्रं संस्कृत में (४०) लिङ्गाष्टकम् ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गंनिर्मलभासितशोभितलिङ्गम् ।जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत्प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥ १ ॥ देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् ।रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत्प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥
Read moreशिवतांडव स्तोत्रं संस्कृत में (४२) शिवताण्डवस्तोत्रम् जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले, गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् ।डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥ १।। जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी
Read moreशिव रुद्राष्टकं स्तोत्रम नमामीशमीशान निर्वाणरूपं । विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपं ॥निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं । चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहं ।।निराकारमोङ्कारमूलं तुरीयं ।
Read moreबारह ज्योतिर्लिंगों के नाम (३८) द्वादशज्योतिर्लिङ्गानि सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम् ।उज्जयिन्यां महाकालमोङ्कारममलेश्वरम् ॥ १ ॥ परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्
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