Bhagat Cheta Mali Ki Kahani || Bhaktmal Dvara Rachit
Bhagat Cheta Mali Ki Kahani
भक्त चेता माली की कथा
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
चेता नामक एक माली था। घरमें स्त्री थी। लड़कावाला कोई न था। चार आने से अधिक की कमाई का काम नहीं करता था, कम भले हो। उसने एक छोटी-सी दुकान ले रखी थी, एक माला रोज दूकान का भाड़ा था। लोग उसको जान गये थे, इसलिये दूकान खोलते ही ग्राहक आ जुटते थे और उसके फूल खरीद ले जाते थे। जहाँ फूलों के दाम चार आने हुए कि वह दूकान बंद करके बचे हुए सारे फूल पासके भगवान्के मन्दिर में चढ़ा आता था। प्रति पूर्णिमा को वह पैदल दाऊजी जाया करता था। दाऊजी उसके घरसे बारह कोस हैं। वह चतुर्दशी के प्रातःकाल जाता, सन्ध्या को दाऊजी पहुँच जाता, पूर्णिमा को वहाँ ठहरता और प्रतिपदा को सबेरे चलकर शाम को घर लौट आता था। Bhagat Cheta Mali Ki Kahani
धीरे-धीरे उसका चित्त दाऊजी के स्वरूप में लगने लगा, एक दिन पूर्णिमा की सन्ध्या को वह श्री दाऊजी के मन्दिर की झाँकी करके एक कोने में बैठ गया और दाऊजी का ध्यान करने लगा। कुछ ही क्षणोंमें उसकी चित्तवृत्ति ध्येयाकार बन गयी और उसे अपने शरीर का तनिक भी भान न रहा। दैवयोग से ऊपर के आले में रखी हुई दीपक की बत्ती झड़कर उसके साफेपर गिर पड़ी और साफे में से धूआँ निकलने लगा। लगभग दो घंटेतक साफे से धूआँ निकलता रहा। अन्तमें जब आग चमकने लगी, तब एक मनुष्यने आगको देखा। उस मनुष्यने पुजारी जी को आवाज दी। पुजारी जी ने दौड़कर एक लकड़ी से साफा गिरा दिया। साफा प्रायः जल ही गया था, Bhagat Cheta Mali Ki Kahani
परंतु चेता को कुछ भी पता नहीं था। पुजारी ने देखा तो उसके सिर का एक भी बाल नहीं जला था। लोग आश्चर्य करने लगे। चेता ध्यानमग्न था। जब बहुत देर बाद चेता को बाह्य ज्ञान हुआ, तब लोगों ने जला हुआ साफा दिखाया और पूछा-‘क्या तुझे साफा जलनेका कुछ भी पता नहीं है? उसने कहा-‘नहीं, कुछ भी पता नहीं है। मैं तो दाऊजी के दर्शन कर रहा था, वहाँ दाऊजी थे और मैं था, तीसरा कोई था ही नहीं, मुझे बड़ा ही आनन्द आ रहा था। मुझे पता नहीं-कब आग लगी और कब साफा सिर से उतारा गया! चेताकी भक्ति दिनोंदिन बढ़ती गयी और वह भगवान का बड़ा प्यारा भक्त हो गया। Bhagat Cheta Mali Ki Kahani
मैं उम्मीद करता हूं दोस्तों की यह bhagat cheta mali ki kahani कथा आपको पसंद आई होगी अगर कथा पसंद आई है तो कृपया लाइक करें कमेंट करें और अपने प्रिय मित्रों में शेयर जरूर करें ऐसे ही और भी बहुत सारी कथाएं पढ़ने के लिए नीचे दी हुई समरी पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं। धन्यवाद!
1 भक्त सुव्रत की कथा 2 भक्त कागभुशुण्डजी की कथा 3 शांडिल्य ऋषि की कथा 4 भारद्वाज ऋषि की कथा 5 वाल्मीक ऋषि की कथा 6 विस्वामित्र ऋषि की कथा 7 शुक्राचार्य जी की कथा 8 कपिल मुनि की कथा 9 कश्यप ऋषि की कथा 10 महर्षि ऋभु की कथा 11 भृगु ऋषि की कथा 12 वशिष्ठ मुनि की कथा 13 नारद मुनि की कथा 14 सनकादिक ऋषियों की कथा 15 यमराज जी की कथा 16 भक्त प्रह्लाद जी की कथा 17 अत्रि ऋषि की कथा 18 सती अनसूया की कथा
1 कवि गंग के दोहे 2 कवि वृन्द के दोहे 3 रहीम के दोहे 4 राजिया के सौरठे 5 सतसंग महिमा के दोहे 6 कबीर दास जी की दोहे 7 कबीर साहेब के दोहे 8 विक्रम बैताल के दोहे 9 विद्याध्यायन के दोह 10 सगरामदास जी कि कुंडलियां 11 गुर, महिमा के दोहे 12 मंगलगिरी जी की कुंडलियाँ 13 धर्म क्या है ? दोहे 14 उलट बोध के दोहे 15 काफिर बोध के दोहे 16 रसखान के दोहे 17 गोकुल गाँव को पेंडोही न्यारौ 18 गिरधर कविराय की कुंडलियाँ 19 चौबीस सिद्धियां के दोहे 20 तुलसीदास जी के दोहे 21 चाणक्य के हिंदी में दोहे
हमारे यूट्यूब चैनल पर सुनने के लिए नीचे दिए समरी पर क्लिक कीजिए 👇
कवि गंग के दोहे सुनने के लिए👉 (click here)
गिरधर की कुंडलियाँ सुनने के लिए👉 (click here)
धर्म क्या है ? सुनने के लिए👉 (click here)