LYRICS

शिवजी के भजन LYRICS

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ॐ महादेव शिवशंकर

ॐ महादेव शिवशङ्कर शम्भो उमाकान्त हर त्रिपुरारे । मृत्युञ्जय वृषभध्वज शूलिन् गङ्गाधर मृड मदनारे ॥

हर शिव शंकर गौरीशं वन्दे गङ्गाधरमीशं । रुद्रं पशुपतिमीशानं कलयेकाशीपुरिनाथं ॥

जय शम्भो जय शम्भो शिव गौरीशङ्कर जय शम्भो । जय शम्भो जय शम्भो शिव गौरीशङ्कर जय शम्भो ॥ शिवजी के भजन LYRICS

(2)

आज अयोध्या की गलियोंमें घूमे जोगी मतवाला,। अलख निरंजन खड़ा पुकारे देखूँगा दशरथ लाला ॥ टेक ॥

शैली सिंगी लिये हाथमें, अरु डमरू त्रिशूल लिये, । छमक छमाछम नाचे जोगी,दरस की मन में चाह लिये,। पगके घुघरू छमछम बाजे कर में जपते हैं माला ॥ १ ॥

अंग भभूत रमावे जोगी, बाघम्बर कटि में सोहे,। जटा जूट में गंग बिराजे, भक्त जनोंके मन मोहे,। मस्तक पर श्रीचन्द्र बिराजे गल में सर्पन की माला ॥ २ ॥

राज द्वार पे खड़ा पुकारे, बोलत है मधुरी बानी,। अपने सुतको दिखा दे मैया, ये योगी मनमें ठानी,। लाख हटाओ पर ना मानूँ, देखूँगा तेरा लाला ॥ ३ ॥

मात कौशल्या द्वार पे आई, अपने सुत को गोद लिये,। अति विभोर हो शिव जोगी ने बाल रूप के दरस किये,। चले सुमिरत राम नाम को, कैलासी काशी वाला ॥ ४ ॥ शिवजी के भजन LYRICS

(४६)

ओ डमरू वाले बाबाजी

 

ओ डमरू वाले बाबाजी तेरा डमरू बजे डम डम, अगड़ बम बम (टेक)

तेरा रूप अनूप निराला है, गले में मुण्डन माला है। तेरे जोरे साधु सन्त, तू ऊँचे परवत वाला है ॥ माथे पर निर्मल चन्दा को, चमके है चमक चम चम ॥ अगड़ बम-बम ॥

तेरी जटा में गंगा साजे है, कर में त्रिशूल विराजे है। देवन के संग नृत्य करे जब, डम डम डमरू बाजे है ॥ तेरे तन के ऊपर भस्मी की, रमके है रमक रम-रम ॥ अगड़ बम-बम ॥

जय जय शंकर कैलाशपति, वरदाता पुरन ब्रह्मजती । चौमुख दिवला लेकर कर में, करे आरती पारवती ॥ आँखों में बिजिया माता की, दमके है दमक दम दम ।। अगड़ बम-बम ॥ शिवजी के भजन LYRICS

(४७)

एक दिन वो भोला भण्डारी बन करके बृज नारी

 

एक दिन वो भोला भण्डारी बन करके बृज नारी। गोकुल में आ गये हैं। पारवती भी मना के हारी, हारी, ना माने त्रिपुरारी,। गोकुल में आ गये हैं ॥ १ ॥

पारवती से बोले मैं भी चलूँगा तेरे संग में। राधा संग श्याम नाचे, मैं भी नाचूँगा तेरे संग में। रास रचेगी बृज में भारी मुझे दिखाओ प्यारी।। गोकुल में आ गये हैं ॥ २ ॥

ओ मेरे भोले स्वामी, कैसे ले जाऊँ अपने साथ में । मोहन के सिवा वहाँ कोई पुरुष न जाये रास में ॥ हँसी करेगी, वृज की नारी, मानो बात हमारी ।। गोकुल में आ गये हैं ॥ ३ ॥

ऐसा बना दो मुझे, जाने ना कोई इस राज को। मैं हूँ सहेली तेरी, ऐसे बताना बृजराज को । लगा के बिन्दिया, पहन के साड़ी, चाल चले मतवाली । गोकुल में आ गये हैं ॥ ४ ॥

हँस कर सखी ने कहा, बलिहारी जाऊँ इस रूप में । एक दिन तुम्हारे लिए आए मुरारी इस रूप में ॥ मोहनी रूप बने बनवारी, अब है तुम्हारी बारी । गोकुल में आ गये हैं ॥ ५ ॥

देखा मोहन ने, समझ गये वो सब बात रे । ऐसी बजाई बंशी, सुध-बुध भूले भोलेनाथ रे ॥ सर से खिसक गई जब साड़ी, मुस्काये गिरधारी । भोले शरमा गये हैं ॥ ६ ॥

दीन दयालु तेरा, तब से गोपेश्वर हुआ नाम रे। ओ भोले बाबा तेरा वृन्दावन में बना धाम रे ॥ ‘ताराचन्द’ कहे ओ त्रिपुरारी, रखियो लाज हमारी।। शरण में आ गये हैं ॥ ४ ॥ शिवजी के भजन LYRICS

(४८)

कर दे दीनों का दुःख दूर, ओ बाघम्बर वाले । कर दे तू मेरा बेड़ा पार ओ शिवशंकर भोले ॥ ओ बाघम्बर वाले कोई चढ़ावे शिवजी जल की ओ धारा, कोई चढ़ावे कच्चा दूध ॥ ओ बाघम्बर ॥ हरी हरी बेल की पत्तियाँ चन्दन चावल, और चढ़ाऊँ फल फूल ॥ ओ बाघम्बर ॥ आक धतुरा शिवजी भोग लगत हैं, भंगिया पीओ भरपूर ॥ओ बाघम्बर ॥ नन्दी रे गण असवारी ओ शिवजी, हाथ लिये हैं त्रिशूल ॥ ओ बाघम्बर ॥ गोरे गोरे अंग पर भस्मी रमावे, गले सर्पों का हार।। ओ बाघाम्बर।। बायें अंग मां गिरिजा बिराजे, गोदी लियो है गुणेश।। ओ बाघंबर।। कंचन थाल कपूर की बाती भोला, आरती करता नरनार।। ओ बाघांबर।। सेवा न जानू बाबा पूजा न जानूं जानूं तुम्हारो एक नाम ।। ओ बाघंबर।। सत्यनारायण स्वामी शरण तिहारी शरण आये री राखो लाज ।। ओ बाघंबर।। अर्जी हमारी भोला मर्जी तुम्हारी, अर्जी करो मंजुर ॥ ओ बाघम्बर ॥ शिवजी के भजन LYRICS

(४९)

कैलाश के निवासी (नमो बार बार हूँ)

 

कैलाश के निवासी (नमो बार बार हूँ) – २। आयो शरण तिहारी शंभो तार तार तू ॥ टेर ॥

भक्तों को शिव तूने कभी नाराज ना किया। माँगा जिन्हें जो चाहा वरदान दे दिया। बड़ा तेरा है दायरा (दातार बड़ा तू) – २। आयो शरण……

बखान क्या करूँ राखों के ढेर का। चपटी भभूत में है, खजाना कुबेर का॥ हे गंगाधर, मुक्ति द्वार (ॐकार तू) २। आयो शरण……

क्या क्या नहीं दिया, भोले हम क्या प्रमाण दें, बस गये हैं त्रिलोक शंभु तेरे दान से, जहर पीया, जीवन दीया (कितना दातार तू) – २ | आयो शरण……

तेरी कृपा बिना ना हिले, एक भी तिनका, चलता है श्वांस तेरी दया से हम सबका, कहे भक्त एक बार (मोहे निहार तू) – २ | आयो शरण……शिवजी के भजन LYRICS

(५०)

चालो हे सखियाँ चालां हिमाचल के द्वारे राज । गौरां बाई को बीन्द निरखस्याँ, गोरो है या कालो राज ॥ चालो हे सखियाँ

ऐसा कामण म्हारै, शिव भोले न सोहे राज । शिव भोले न सोहे ये तो, गोरा बाई न मोहे राज ॥ चालो हे सखियाँ

बाघम्बर के वस्त्र पहने, अंग विभूति रमाये राज । मस्तक पर तो चन्दा सोहे, जटा में गंग बिराजै राज ॥ चालो हे सखियाँ

कानां में कुण्डल सोहे, गल सर्पों की माला राज । नन्दी की असवारी सोहे, त्रिशूल हाथ में धार्या राज ॥ चालो हे सखियाँ

भाँत-भाँत का आया बराती, कोई लूला कोई लंगड़ा राज । भूत प्रेत न सागे ल्याया, शिव को रूप अनोखो राज ॥ चालो हे सखियाँ..

भांग धतुरा को करै कलेवो, बिजिया खूब चढ़ावे राज। शिव भोला का आया बराती, पापड़ पातल खावे राज ॥ आया बराती पातल ने तो पापड़ समझ कर खावे राज ॥ चालो हे सखियाँ

शिव भोला को रूप देखकर, सखियाँ पाछी भागी राज सखियाँ यूँ कहवण लागी, बीन्द घणों ही भुण्डो राज। चालो हे सखियाँ

म्हे नहीं जाना म्हारो जोशी, जोशी कामण गारो राज। जोशी जी को नेग चुकास्यां, कामणं ढीला छोड़ो राज ॥ चालो हे सखियाँ शिवजी के भजन LYRICS

(५१)

जय जय हरिहर गौरी शंकर ईश्वर दीन दयाला है राम नाम में समय बिताना सच्चा धर्म हमारा है, हरि भजन में चित्त लगाना सच्चा धर्म हमारा है ॥ जय० ॥

सुबह शाम दिन रात जपे, तब ही कल्याण हमारा है, कैलाशी काशी के वासी, भोला डमरूवाला है ॥ जय० ॥

जटा जूट में गंग बिराजे, शीश चन्द्रमा न्यारा है, गले बीच लिपटे है विषधर, कानन कुण्डलवाला है ॥ जय० ॥

नाव पड़ी मझधार बीच में, दीखता नहीं किनारा है भोलानाथ महेश्वर शम्भु, पार लगानेवाला है ॥ जय० ॥

अलख निरंजन भव दुख भंजन, भक्तों का प्रतिपाला है, जो ध्यावे इच्छा फल पावे, पल में करत निहाला है ॥ जय० ॥

नैन खोलकर देख रे मनवा, जग में कौन तुम्हारा है, भजन किये भव बन्धन टूटे, छूटै सब संसारा है ॥ जय० ॥ शिवजी के भजन LYRICS

(५२)

[जय शिव शंकर-२] जय शंकर भोले सब देवों में देव निराले जय बम-बम भोले ॥ टेर ॥

महादेव तूने ही तो सब देवों का सन्ताप हरा सागर-मन्थन में निकला विष तू ने अपने कण्ठ धरा इसीलिए हर प्राणी तुझको नील कण्ठ बोले सब देवों

तेरे नाम अनेकों बाबा तेरी महिमा न्यारी तेरे भेद अनोखे सबसे क्या जाने संसारी तू ही है कैलाशपति तू पर्वत पर डोले सब देवों

शीश तुम्हारे गंगा मैया चन्द्र शिखर में सोहे तन पे सर्प विचरते रहते, भक्तों के मन मोहे उसको कैसा कष्ट जगत में नाम तेरा जो ले सब देवों……….शिवजी के भजन LYRICS

(५३)

डमरुवाले बाबा तुमको आना होगा, डम डम डमरु बजाना होगा, माँ गोरां संग गणपतिजी को लाना होगा, डम डम डमरु बजाना होगा ॥ टेर ॥

सावन के महीनेमें हम काँवड़ लेके आयेंगे-२ पावन गंगा जलसे बाबा तुमको नहलायेंगे, कावड़ियों को पार लगाना होगा, डम-डम डमरु…॥१॥

भाँग धतुरा दूध बाबा तुमपे चढ़ायेंगे, केशरिया चंदन से बाबा तिलक लगायेंगे, भगतों का कष्ट मिटाना होगा, डम-डम डमरु… ॥२॥

तुम तो भोले दानी बाबा, जग से निराला है, हाथों में त्रिशूल गल सर्पों की माला है, नान्दिये पे चढ़कर आना होगा, डम-डम डमरु… ॥ ३ ॥

जैसा भी रखोगे बाबा वैसा ही मंजूर है, तेरी दया तो बाबा पाना भी जरूर है, भगतों को गलेसे लगाना होगा, डम-डम डमरु… ॥ ४ ॥

माँ गोरा संग गणपतिजीको लाना होगा, डमरु वाले बाबा तुमको आना होगा ॥ शिवजी के भजन LYRICS

(५४)

देखो री एक बाला जोगी, द्वारे मेरे आया री

 

देखो री एक बाला जोगी, द्वारे मेरे आया री। बाघम्बर का ओढ़ दुशाला, शेषनाग लिपटाया री ॥ टेर ॥ माथे वाके तिलक चन्द्रमा, योगी जटा बढ़ाया री ॥ १ ॥ देखो री एक बाला ॥

ले भिक्षा नन्द रानी निकसी, मोतियन थाल भराया री । जा जोगी अपने आश्रम को, मेरा लाल डराया री ॥ २ ॥ देखो री एक बाला ॥

ना चहिये तेरा हीरा मोती, ना चहिये धन माया री। तेरे लाल का दरश दिखादे, काशी से चल आया री ॥ ३ ॥ देखो री एक बाला ॥

ले बालक निकली नन्दरानी, जोगी दरशन पाया री सात बेर परिकम्पा कीन्हीं, सींगी नाँद बजाया री ॥ ४ ॥ देखो री एक बाला ॥

‘सूरदास’ गौ लोकधाम में, धन्य यशोदा माया री। तीन लोक के कर्ता हर्ता, तेरी गोदमें आया री ॥ ५ ॥ देखो री एक बाला ॥

(५५)

भोलानाथ अमली, म्हारा शङ्कर अमली

 

भोलानाथ अमली, म्हारा शङ्कर अमली। हो जटाधारी अमली, बगियाँ माँय भँगिया घोटाय राखूँली। रे छणाय राखूँली….. रत्न कटोरे बिजियां छाण राखूँली रे छणाय राखूँली। भोलानाथ अमली

कांई बोऊँ काशीजी में, कांई जी प्रयाग। (रामजी) कांई बोऊँ हरकी पेड़ी, कांई जी कैलाश ॥ शिवशंकर अमली

काशी जी में केशर बोऊँ, चन्दन प्रयाग। (रामजी) हर की पेड़ी बिजियां बोऊँ, धतूरो कैलाश। शिवशंकर अमली

कांई माँगे नांदियोजी, कांई जी गणेश। (रामजी) कांई माँगे भोलाशम्भु योगिया को वेश ॥ शिवशंकर अमली

दुर्वा माँगे नांदियोजी, मोदक गणेश। (रामजी) बिजियां माँगे भोलाशम्भु योगिया को वेश | शिवशंकर अमली

घोटे-घोटे नांदियोजी, छाणत गणेश। (रामजी) भर-भर प्याला देवे गवरजा, पीवे भोलानाथ ॥ शिवशंकर अमली

आकड़े की रोटी पोऊँ, धतुरा को साग। (रामजी) बिजियां की तरकारी छमकूं, जीमो भोलानाथ ॥ शिवशंकर अमली

चन्दन चढाऊँ, चावल चढाऊँ और चढाऊँ बील। (रामजी) धतुरा को फूल चढाऊँ, गंगाजी को नीर॥ शिवशंकर अमली

नाचे नाचे नांदियोजी, नाचे रे गणेश। (रामजी) नाचे म्हारो भोला शम्भू, योगियां को भेष ॥ शिवशंकर अमली

निर्धनियां तो धनड़ो माँगे, राजा माँगे रूप। (रामजी) कुष्ठी माँगे निर्मल काया, बाँझ माँगे पूत ॥ शिवशंकर अमली

निर्धनियां ने धनड़ो देवे, राजा देवे रूप।(रामजी) कुष्ठी देवे निर्मल काया, बाँझ देवे पूत ॥ शिवशंकर अमली

आगे-आगे नांदियोजी, लारे रे गणेश। (रामजी) बीच बिचाले चाले गवरजा, जोगियां को भेष ॥ शिवशंकर अमली

कैलाश पर्वत तपे महादेव, नांदियो चेलो साथ। (रामजी) भक्त-मण्डल-भगवान से माँगे, भक्ति ज्ञान वैराग्य ॥ शिवशंकर अमली शिवजी के भजन LYRICS

(५६)

भोलेनाथ चले आवोऽऽ 2 शिव शंकर भोले भंडारी, आकर दर्श दिखावो ॥ टेर ॥

बैल चढ़े शिवशंकर आये, हर-हर बम-बम गावो, सिंह चढ़ी माँ गौरां आई, पुष्पन हार पहरावो, मूषक ऊपर आये गजानन्द, मोदक भोग लगावो। भोलेनाथ…..

गंगाजल अभिषेक करावो, केशर तिलक लगावो, आक धतूरा भोग लगावो, बिल्व पत्र भी चढ़ावो, धूप दीप से करो आरती, बिजिया गहरी घुटावो। भोलेनाथ

मस्तक उपर शीतल चन्दा, जटा से गंग बहाये, कटि में है बाघम्बर सुन्दर, नीलकण्ठ कहलाये, नन्दीश्वर की सजे सवारी, डम-डम डमरु बजावो। भोलेनाथ…

सब देवन में देव बड़े हैं, भस्मी अंग रमाये, भीख माँग भूतल पर लोटे, विषधर गल लिपटाये, सुर-नर असुर मनाये सबही, गुण भोले के गावो। भोलेनाथ

गिरिजापति, कैलाशपति हो, त्रिभुवनपति कहलावो, निराकार साकार बनो प्रभु, दर्श की प्यास बुझावो, युग-युग से हम बिलख रहे हैं, अब तो धीर बँधावो। भोलेनाथ……

ऐसे हैं वरदानी बाबा, जो माँगो सो देते, भले बुरे में भेद न रखते, शरण में सबको लेते। “भक्तों” की बिनती सुन कर, सबकी आश पुरावो। भोलेनाथ .. शिवजी के भजन LYRICS

(५७)

शिव आये यशोदा के द्वार मात मोहे दर्शन करा

 

शिव आये यशोदा के द्वार मात मोहे दर्शन करा। मेरा सोया हुआ है कुमार बाबा ले भिक्षा जा ॥ टेर ॥

कैलाश पर्वत से आया मैं आता जन्मा तेरे घर में जग का विधाता दर्शन करा माँ अपार-मात मोहे दर्शन करा ॥ १ ॥

तेरे गले में बाबा सर्पों की माला जिसे देख डर जायेगा मेरा लाला हट ना करो बार बार बाबा ले भिक्षा जा ॥ २ ॥

डरता है जिससे जगत माँ ये सारा उसको डराऊँगा मैं क्या बेचारा महिमा बड़ी है अपार-मात मोहे दर्शन करा ॥ ३ ॥

मुश्किल से यह दिन मेरे घर में आया बीती उमरिया में बेटा जो पाया वन्दन करूँ बार-बार बाबा ले भिक्षा जा ॥ ४ ॥

बेटा समझती है जिसको तू माता वो ही तो है सारे जग का विधाता अर्चन करूँ बार-बार मात मोहे दर्शन करा ॥ ५ ॥

डरती यशोदा मैया अन्दर को धाई गोदी में अपने कन्हैया को लाई देवों ने कीन्हीं जय-जयकार मात मोहे दर्शन करा ॥ ६ ॥ शिवजी के भजन LYRICS

(५८)

हरि ॐ नमः शिवाय-२ ॥ टेर ॥ मेरी टेर सुनो त्रिपुरारी, अब तो लो खबर हमारी, तेरे द्वार पे हैं आये ॥ हरि ॐ………॥ १ ॥

तेरी जटामें गंगा विराजे, माथे पर चन्दा साजे, और डम-डम डमरू बजाये ॥ हरि ॐ ॥२॥

तेरी लीला सबसे न्यारी, जिसे जाने दुनिया सारी, तेरी महिमा वरणी ना जाये ॥ हरि ॐ ॥ ३ ॥

करूँ अर्पन तन मन तुझको, खुशहाल करो प्रभु मुझको, बाबा अब क्यों देर लगाये ॥ हरि ॐ..॥ ४ ॥

क्यों करता है मुझसे बहाने, क्या खाली हुए खजाने, बाबा औघड़ दानी कहाए ॥ हरि ॐ…।।५।।

बाबा अंग विभूति रमाये, नित भांग धतूरा खाये, श्रीराम का ध्यान लगाये ॥ हरि ॐ………॥६॥

ये भक्त तेरा गुण गाये, तेरे चरणोंमें शीश नवाये, गुणगान करे चित लाय॥ हरि ॐ शिवजी के भजन LYRICS

(५९)

जय बोलो शिव शंकर की, कर त्रिशूल डमरू धर की। माथे चन्द्र छटा धारी, शोभा सुरपुर से भी न्यारी। जय गिरिजापति नटवर की ॥ कर त्रिशूल डमरू….. गौरीपति कुण्डल वाले, अंग विभूति मुण्डमाले। शीश पर शोभा विषधर की ॥ कर त्रिशूल डमरू…. अन्तर्यामी घट घट के. जटा में श्री गंगा छटके। आएँ शरण सदा हर-हर की। कर त्रिशूल डमरू…. दिल में दर्श की आशा मेरे, विश्वम्भर है अब शरण तेरे। हो दया दृष्टि श्री प्रभुवर की ॥ कर त्रिशूल डमरू….शिवजी के भजन LYRICS

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(1) पेला पेला देवरे गजानंद सिमरो (2) मैं थाने सिमरु गजानंद देवा (3) सन्तो पूजो पांचोहि देवा (4) गणपत देव रे मनाता (5) मनावो साधो गवरी रो पुत्र गणेश (6) सन्तो मैं बाबा बहुरंगी (7) सन्तो अविगत लिखीयो ना जाई (8) अब मेरी सुरता भजन में लागी (9) अब हम गुरु गम आतम चीन्हा (10) काया ने सिणगार कोयलिया (11) मत कर भोली आत्मा (12) जोगीड़ा ने जादू कीन्हो रे (13) मुसाफिर मत ना भटके रे (14) गिगन में जाए खड़ी प्रश्न उत्तर वाणी (15) जिस मालिक ने सृष्टि रचाई (16) बर्तन जोये वस्तु वोरिए (17) गुरु देव कहे सुन चेला (18) संतो ज्ञान करो निर्मोही (19) मोक्स का पंथ है न्यारा (20) गुरुजी बिना सुता ने कूण जगावे (21) केसर रल गई गारा में (22) पार ब्रह्म का पार नहीं पाया (23) आयो आयो लाभ जन्म शुभ पायो (24) इण विध हालो गुरुमुखी (25) आज रे आनंद मारे सतगुरु आया पावणा (26) मारे घरे आजा संत मिजवान (27) गुरु समान दाता जग में है नहीं (28) बलिहारी गुरुदेव आपने बलिहारी (29) गुरु बिन घोर अंधेरा (30) भोली सी दुनिया सतगरु बिन कैसे सरिया

 

bhaktigyans

My name is Sonu Patel i am from india i like write on spritual topic

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