गुरू मिलीया सो कूड़ा भजन lyrics
गुरू मिलीया सो कूड़ा भजन lyrics
गुरू मिलीया सो कूड़ा
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( श्री सन्तं लिखमा जी की वाणी )
साधु भाई गुरू मिलीया सो कूड़ा मिलीया नहीं गुरू मांने पूरा ॥ टेर ॥
कण्ठी बान्धी नाम सुणाया, गुरूजी ने चेला मुण्डीया ।
आप गुरू कुछ खोज्या नाहीं, चेला शब्द नहीं ढूंढ्या ॥ 1 ॥
भगवा पहरे राख रमावे, माथे तिलक सिन्दूरा।
माया मोह लिया संग डोले, काम क्रोध में पूरा ॥ 2 ॥
गुरू मिलीया सो कूड़ा भजन lyrics
पढ़िया वेद पुराणा बांचे, एलम में भरपूरा ।
नाम अक्षर की खबर न जाणे, पण्ड़ीता रह्यो अधूरा ॥ 3 ॥
निर्गुण सगुण बाणी गावे, बजावे ताल तन्दूरा ।
ज्ञानी होय कर ज्ञान दिखावे, माया तणा मंजूरा ॥ 4 ॥
गुरू मिलीया सो कूड़ा भजन lyrics
अनहद गाजे शिखर बिराजे, सोहि सन्त है पूरा ।
कहे लिखमा मैं उण सन्तन का, खिदमतगार हजूरा ॥ 5 ॥
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