ओ तन पावणो रे भजन lyrics
ओ तन पावणो रे भजन lyrics
( सन्त श्री रामचरण जी की वाणी)
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ओ तन पावणोरे, मति कर मान गुमान ।
आजकाल दिन पाँच में, छोड़ चले मेहमान ॥ टेर ॥
नदी नाव संयोग मिल्या, बिछड़या मेला नाय ।
गया सो फिर नहीं आवसी, तु समझ रे मन मांय ॥ 1 ॥
क्षेत्र सिंहासन छोड़कर, मर-मर गया अमीर ।
तू कांई गाफिल सोय रहियो, थांरो काचो दाग शरीर ॥ 2 ॥
काल खड़ा सिर ऊपरे, जीवन झूठी आश।
कुण जाणे कदी आवसी, हंस बटाउ साथ ॥ 3 ॥
झूठी जग री मोवनी, झूठों तन धन धाम ।
रामचरण चित्त देव कर, वे सिमरे स्नेही राम ॥ 4 ॥
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