नेम ने धर्म ज्याँरा साँना नहीं रेवे भजन lyrics
नेम ने धर्म ज्याँरा साँना नहीं रेवे भजन lyrics
( सन्त श्री गोरख नाथजी की वाणी )
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नेम ने धर्म ज्याँरा सोना नहीं रेवे रे,
दूध धोया कोयला उजला नहीं होवें रे ।
फूलों सन्दी वासना हमेशा नहीं रे वे रे ।
वेतोड़ा री बात वटाउड़ो वीरो केवे रे ॥ टेर ॥
नीम जेड़ा कडुवा मिसरी जैसा मीठा रे ।
सायब री दरगाह में ऐसा हरिजन दीठा रे ॥ 1 ॥
सन्त रे घर शंखड़ी, थूल रे घर नार रे ।
माया दीनी सूम ने, भूल गयो किरतार रे ॥ 2 ॥
ओसा जल री बादली, वरता-वरता वूठे रे ।
नूगरावाली प्रीत वीरा, बान्धीया पहला तूटे रे ॥ 3 ॥
मोल ले माया सुकृत करले काम रे ।
धन ने जोवन वीरा, बादल वाली छाया रे ॥ 4 ॥
बोलिया गोरखनाथ मछेन्द्र रा चेला रे ।
सोणीयोड़ा दूध ज्यारा पाणी रा पाणी रे ॥ 5 ॥