राम रस पीवो कुड़ाली भरी भजन lyrics
राम रस पीवो कुड़ाली भरी भजन lyrics
( सन्त कमाली जी की वाणी )
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
सन्तो राम रस पीवो कुड़ाली भरी ।
कुड़ाली भरी रे मांय मेवा मसरी ॥ टेर ।।
तीन पाँचो रे मिल कर घुटन बैठा ।
घुटे रे घुटे ने कीदी रजत जड़ी ॥ 1 ॥
पाँच पच्चीस मिलने पिवन बैठा।
प्यालो रे भरे आ तो घड़ी रे घड़ी ॥ 2 ॥
सभागिया तो पीवे अभागिया तो ढ़ोले ।
नुगरा ने नहीं मिले, वा तो टूक रत्ती ॥ 3 ॥
बोलीया कमाली कबीर साहब री लड़की ।
पीवे रे जिणोरी काया सुधरी ॥ 4 ॥
ज्यादा पढ़ने के लिए कृपया यहाँ नीचे समरी पर क्लिक करें 👇
(1) पेला पेला देवरे गजानंद सिमरो (2) मैं थाने सिमरु गजानंद देवा (3) सन्तो पूजो पांचोहि देवा (4) गणपत देव रे मनाता (5) मनावो साधो गवरी रो पुत्र गणेश (6) सन्तो मैं बाबा बहुरंगी (7) सन्तो अविगत लिखीयो ना जाई (8) अब मेरी सुरता भजन में लागी (9) अब हम गुरु गम आतम चीन्हा (10) काया ने सिणगार कोयलिया (11) मत कर भोली आत्मा (12) जोगीड़ा ने जादू कीन्हो रे (13) मुसाफिर मत ना भटके रे (14) गिगन में जाए खड़ी प्रश्न उत्तर वाणी (15) जिस मालिक ने सृष्टि रचाई (16) बर्तन जोये वस्तु वोरिए (17) गुरु देव कहे सुन चेला (18) संतो ज्ञान करो निर्मोही (19) मोक्स का पंथ है न्यारा (20) गुरुजी बिना सुता ने कूण जगावे (21) केसर रल गई गारा में (22) पार ब्रह्म का पार नहीं पाया (23) आयो आयो लाभ जन्म शुभ पायो (24) इण विध हालो गुरुमुखी (25) आज रे आनंद मारे सतगुरु आया पावणा (26) मारे घरे आजा संत मिजवान (27) गुरु समान दाता जग में है नहीं (28) बलिहारी गुरुदेव आपने बलिहारी (29) गुरु बिन घोर अंधेरा (30) भोली सी दुनिया सतगरु बिन कैसे सरिया