हीरों रा व्यापारीयों राज भजन lyrics । चेतावनी भजन
हीरों रा व्यापारीयों राज भजन lyrics
चेतावनी भजन
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
हीरों रा व्यापारी ( श्री सन्त लिखमा जी की वाणी )
हीरों रा व्यापारीयों राज हीरा ओलख लेणा ।
माणक रा व्यापारीयों राज माणक परख कर लेणा ॥ टेर ॥
नाभि कंवल नेजा रोपीया राज, सुरता ऊँची चढ़े।
ऊँची चढ़ेने जोवियो राज, कांई-कांई खेल करे ॥ 1 ॥
आमी-सामी हाटड़ी राज, मांय बैठो बिणज करे।
तन तोला मन ताकड़ी राज, तोल्या खबर पड़े ॥ 2 ॥
हित-चित्त री दोय बैंड़िया राज, र्मिगों अजब चरे।
बाण बत्तीसा साधियों राज, मिंगों यूं भरे ॥ ३ ॥
घणघावड़िया घूमें रहया राज, घण री चोट पड़े।
पाँच पच्चीसा पारखु राज, हीरों एरण चढ़े ॥ 4 ॥
एक वचन रे कारणे राज, होरों ने मिलीया हीर रे ।
वचन पालन नर ऊबरे राज, यूं कहे “लिखमो” पीर रे ॥ 5 ॥