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लालच बुरी बला एक लघुकथा

लालच बुरी बला एक लघुकथा

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एक गांव में चार मित्र रहते थे। वे बहुत गरीब थे और अपनी दुर्दशा के कारण चिंतित रहते थे। एक दिन उन्होंने निश्चय किया कि वे दूसरे शहर जायेंगे और धनार्जन करेंगे। एक लंबी यात्रा करके वे एक शहर में पहुंचे। शहर के बाहर ही नदी किनारे उनको एक शिव मन्दिर दिखाई पड़ा। उन्होंने नदी में स्नान किया एवं दर्शन के लिए मंदिर गये। जब वे मंदिर से बाहर निकले, उनकी मुलाकात एक साधु से हुई। उन्होंने झुक कर साधु को प्रणाम किया और उनसे आशीर्वाद मांगा। लालच बुरी बला एक लघुकथा

साधु ने उनसे पूछा, “तुम लोग कहां से आ रहे हो और किस इच्छा से यात्रा पर निकले हो?”

चारों में से एक मित्र ने उत्तर दिया, “हे योगी, हमलोग अत्यंत ही दरिद्र हैं और एक सुखमय जीवन की कामना लिए धनार्जन करने निकले हैं। कृपया कोई ऐसा मार्ग बताएं ताकि हमारी दरिद्रता दूर हो सके । “

साधु को उनपर दया आ गई और उन्होंने उनकी सहायता करने का निश्चय किया। लालच बुरी बला एक लघुकथा

साधु ने प्रत्येक को एक-एक चमत्कारी पंख दिया और आशीर्वाद देते हुए कहा, “अपनी यात्रा पुनः आरम्भ करो और हिमालय के लिए प्रस्थान करो। मार्ग में जहां भी अंजाने में ये पंख तुमसे गिर जायेंगे वहीं तुम्हें खजाना प्राप्त होगा।” लालच बुरी बला एक लघुकथा

चमत्कारी पंख प्राप्त कर चारों मित्र अत्यंत प्रसन्न हुए और हिमालय की दिशा में बढ़ गये। कुछ दिनों की यात्रा के बाद उनमें से एक के हाथ से पंख छूट कर जमीन पर गिर पड़ा। उसने वहां खुदाई की और उसे वहां तांबे के सिक्कों से भरा कलश मिला।

वह खुशी में चिल्लाया, “देखो, मुझे खजाना मिल गया। चलो हम इसे बांट लें। “

परंतु उसके मित्रों को संतोष नहीं हुआ और उन्होंने अपनी यात्रा जारी रखने का निश्चय किया। अतः वह अकेला ही घर लौट गया। लालच बुरी बला एक लघुकथा

कुछ दिनों बाद, एक और मित्र का पंख गिर गया और उसे खजाने के रूप में चांदी से भरा कलश मिला। उसने अपने मित्रों से कहा, “चांदी तांबे से ज्यादा मूल्यवान है। अतः हमें वापस घर लौट जाना चाहिए।” लालच बुरी बला एक लघुकथा

उसके मित्रों ने उत्तर दिया, “मित्र, तुम्हें तुम्हारे भाग्य का धन प्राप्त हो गया। परंतु अभी हमें हमारे भाग्य का धन मिलना बाकी है। अतः तुम अपने धन के साथ वापस लौट जाओ। हमें अपनी यात्रा जारी रखनी होगी। “

दूसरा मित्र भी वापस लौट गया। जल्द ही तीसरे मित्र का पंख भी गिर गया और उसे सोने से भरा कलश मिला। उसने कहा, “प्रिय मित्र, अब हमें सर्वश्रेष्ठ धन की प्राप्ति हुई है। हमें अब निश्चय ही वापस लौट कर इसे बांट लेना चाहिए। ” लालच बुरी बला एक लघुकथा

चौथे मित्र ने उत्तर दिया, “तुम घर जाओ। मेरे भाग्य में तो हीरे मोतियों से भरा कलश लिखा हुआ है।” तीसरे मित्र ने कहा, “तुम लालच कर रहे हो, फिर भी मैं यहीं तुम्हारा इतंजार करूंगा। जाओ और अपना खजाना प्राप्त करो।”

वह चौथा व्यक्ति आगे बढ़ता रहा। अचानक उसके सामने एक ऐसा व्यक्ति आ गया जिसके सिर पर एक चक्र घूम रहा था। उसके सिर से खून टपक रहा था। लालच बुरी बला एक लघुकथा

उसने उस व्यक्ति से पूछा, “यहां कहीं पानी मिलेगा। “

जैसे ही उस चौथे व्यक्ति के मुंह से ये शब्द निकला, वो घूमता चक्र उस व्यक्ति के सिर के ऊपर से हटकर, उसके सिर पर आ गया। यह देख वह आश्चर्यचकित रह गया और उसने उस व्यक्ति से पूछा, “ये घूमता चक्र तुम्हारे सिर से मेरे सिर पर क्यों आ गया?”

वह व्यक्ति बोला, “आह, श्राप मुक्त होकर कितना अच्छा लग रहा है ! न जाने मैं कितने वर्षों से यह श्राप झेल रहा था। अब जब कोई दूसरा लालची व्यक्ति यहां आएगा। और वह व्यक्ति आकर तुमसे बात करेगा, तभी यह घूमता चक्र तुम्हारे सिर से हटकर उसके सिर पर जायेगा। वह साधु हम जैसे लालचियों को इसी तरह दंड देता है। ‘ 

यह कहकर वह व्यक्ति चला गया। जल्द ही तीसरा मित्र उसको खोजते हुए वहां पहुंच गया। अपने मित्र से सारी बात जान वह बहुत दुखी हुआ और बोला, “मैंने तुमको समझाया था परंतु तुम नहीं माने। अब इस दंड से छुटकारे के लिए किसी अन्य लालची का इंतजार करो।” तीसरा मित्र वापस घर लौट गया। लालच बुरी बला एक लघुकथा

नैतिक शिक्षा :-

लालच बुरी बला है। 

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पंचतन्त्र की कहानियाँ

1. पंचतन्त्र की रचना कैसे हुई 2. नटखट बंदर 3. सियार और ढोल 4. मूर्ख साधु 5. भेड़िया और दो भेड़ 6. कौवे और सांप 7. चालाक खरगोश। 8. नीला सियार 9. भोला ऊंट 10. शेर और बढ़ई 11. चूहा और साधु 12. लालची सियार 13. मूर्ख बंदर 14. शिक्षा का महत्त्व 15. मूर्ख दोस्त•• 16. दो सिर वाली चिड़िया • • 17. सौदा • • 18. दुर्भाग्यशाली बुनकर 19. बैल और लालची सियार • • 20. कबूतर और बहेलिया • • 21. शेर और बैल • 22. बगुला और केकड़ा•• 23. लापरवाह कछुआ. 24. तीन मछलियां.. 25. लोमड़ी और बूढ़ा शेर•• 26. ईर्ष्यालु गधा • • 27. भेड़िया और कुत्ता•• 28. जूं और खटमल • 29. गौरैया और हाथी की लड़ाई • • 30. धूर्त सियार • • 31. शाही नौकर और व्यापारी • • 32. चूहा और तराजू•• 33. भेड़िया और सारस 34. सारस और लोमड़ी • • 35. कछुआ और खरगोश•• 36. चींटी और कबूतर • • 37. अकृतज्ञ मनुष्य.. 38. हंस और उल्लू • • 39. समझदार हंस•• 40. शेर और भेड़ • • 41. धर्मबुद्धि और पापबुद्धि.. 42. चिडिया और बंदर•• 43. इन्द्रदेव का तोता •• 44. मूर्ख सारस •• 45. चोर का बलिदान •• 46. चार दोस्त और शिकारी • • 47. समुद्र और पक्षी के अंडे • 48. चरवाहा और भेड़िया 49. दो यात्री और भालू • • 50. शेर का हिस्सा •• ●● 51. लालच बुरी बला • 52. खट्टे अंगूर•• 53. संगीतकार गधा 54. राक्षस और ब्राह्मण •• 55. ऊंट की घंटी•• 56. बाघ और यात्री •• 57. सियार ने हाथी को कैसे खाया • 58. मूर्ख गधा और शेर • • 59. बकरी और लोमड़ी•• 60. बत्तख और सोने के अंडे • • 61. ब्राह्मण और नाग • 62. अहंकारी हंस •• 63. त्याग .. 64. बूढ़ा आदमी और उसकी पत्नी 65. चुहिया की शादी•• 66. ब्राह्मण, चोर और राक्षस • • 67. ब्राह्मण का सपना•• 68. •• राजा और कुम्हार 69  नन्हा सियार• 70. चोर और बहरूपी राक्षस•• 71. पक्षियों का राजा•• 72. हाथी और खरगोश•• 73. धूर्त बिल्ला•• 74. नाग और चींटी•• 75. चूहा और हाथी • • 76. पंडित की बकरी•• 77. सोने की बीट देने वाला पक्षी • • 78. बोलने वाली गुफा •• 79. मूर्ख मेंढक•• 80. दो सांप•• 81. कौवों और उल्लुओं का युद्ध • • 82. बंदर और मगरमच्छ•• 83. शेर की खाल • 84. कुत्ते की शहर यात्रा •• 85. वफादार नेवला.. 86. मूर्ख नाई•• 87. शेर और चार बैल • • 88. अंधा गिद्ध और बिल्ली • • 89. बैल और बकरी•• 90. लालची कुत्ता•• 91. मूर्ख मेंढक और सांप • • 92. चार ब्राह्मण●● 93.राजा के बंदर • • 94. सियार और हाथी.. 95. कुत्ता और गधा •• 96. शेर बिल्ली और चूहा • • 97. बंदर और घंटी.. 98. लोमड़ी और कौवा • • 9 9. बंदर और बिल्लियां.. 100. प्यासा कौआ • • 101. शेर और चूहा • •

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My name is Sonu Patel i am from india i like write on spritual topic

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