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राजा के बंदर की कहानी

राजा के बंदर की कहानी

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एक राजा था जिसने कुछ बन्दरों को पाला हुआ था। उन सभी को शाही ठाठ-बाट से रखा जाता था। राजा के पास दो बकरियां भी थी जो रसोई से खाना चुरातीं थी। परेशान होकर रसोईया उन्हें भगाने के लिए उनपर कुछ भी फेंक देता था।

बन्दरों के मुखिया ने बन्दरों से कहा, “रसोईया बकरियों के साथ बहुत बुरा व्यवहार करता है। हम सबको जंगल वापिस लौट जाना चाहिए ताकि हम आज़ादी से जी सकें।” बन्दरों ने उसकी बात नहीं मानी क्योंकि वे सभी महल में बहुत मज़े से रह रहे थे। मुखिया बन्दर वापिस जंगल चला गया। राजा के बंदर की कहानी

एक दिन बकरियों को भगाने के लिए रसोईये ने सुलगती हुई लकड़ी उनपर फेंकी। उसके ताप से बकरियों के शरीर में आग लग गयी और आग बुझाने के लिए वह अस्तबल में भागीं।

वहां रखी सुखी पत्तियों ने झट से आग पकड़ ली और पूरा अस्तबल जलने लगा। महल के सभी नौकर आग बुझाने के लिए भागे। पर कई घोड़े ज़ख्मी हो गए। घोड़ों के घायल होने से राजा चिंतित हो गए। राज्य वैद्य ने राजा से बोला, “महाराज, घोड़ों के घाव जल्दी भर जाएगें अगर उनपर बन्दरों की चर्बी की पट्टी की जाए । ” राजा के बंदर की कहानी

राजा ने नौकरों को कहा कि वे सभी बन्दरों को मार दें और उनकी चर्बी से घोड़ों का ईलाज करे। नौकरों ने ऐसा ही किया। जब मुखिया बन्दर को जंगल में इस की खबर मिली तो वह बहुत दुखी हुआ । वह जंगल में झील के पास टहल रहा था। तभी उसने देखा कि वहां जानवरों के पैरों के निशान हैं जो झील की तरफ जा रहे हैं। पर वापिस आने के कोई निशान नहीं था । बन्दर झील के पास नहीं गया। उसने दूर से ही, कमल के फूल का तना लेकर झील से पानी पीया।

तभी उसके आगे एक राक्षस प्रकट हुआ और बोला, “मैं तुम्हारी समझदारी से खुश हुआ। मैं तुम्हें एक वरदान देता हूं। बोलो क्या चाहिए? “

बन्दर ने राक्षस को जवाब दिया, “अगर आप मुझे अपने गले का हार दे दें, तो मैं कई मनुष्यों को इस झील में भेज सकता हूं। ” राजा के बंदर की कहानी

राक्षस मान गया। बन्दर वह हार लेकर महल गया और उसे दिखाते हुए राजा से बोला, “महाराज, जंगल में एक झील है जहां ऐसे हारों का खजाना है। आप सभी को झील के अंदर भेज दिजिये ताकि वे सारा खजाना ला पाएं । ” राजा के बंदर की कहानी

राजा मान गया और उसने अपने सभी रिश्तेदारों सेवकों और सभी मंत्रियों को बन्दर के साथ भेज दिया। उसने कुछ वक्त तक उनका इन्तजार किया पर झील से कोई वापिस नहीं आया। राजा को उनकी चिंता होने लगी।

बन्दर ने राजा से कहा, “महाराज वे लोग अब कभी वापिस नहीं आएंगे। आज मैंने उन सभी बन्दरों का बदला ले लिया जिनकी आपने हत्या करवाई थी। आप मेरे स्वामी हैं इसलिए मैंने आपको झील में नहीं जाने दिया। ” राजा के बंदर की कहानी

नैतिक शिक्षा :-

हमें किसी का अहित नहीं करना चाहिए।

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पंचतन्त्र की कहानियाँ

1. पंचतन्त्र की रचना कैसे हुई 2. नटखट बंदर 3. सियार और ढोल 4. मूर्ख साधु 5. भेड़िया और दो भेड़ 6. कौवे और सांप 7. चालाक खरगोश। 8. नीला सियार 9. भोला ऊंट 10. शेर और बढ़ई 11. चूहा और साधु 12. लालची सियार 13. मूर्ख बंदर 14. शिक्षा का महत्त्व 15. मूर्ख दोस्त•• 16. दो सिर वाली चिड़िया • • 17. सौदा • • 18. दुर्भाग्यशाली बुनकर 19. बैल और लालची सियार • • 20. कबूतर और बहेलिया • • 21. शेर और बैल • 22. बगुला और केकड़ा•• 23. लापरवाह कछुआ. 24. तीन मछलियां.. 25. लोमड़ी और बूढ़ा शेर•• 26. ईर्ष्यालु गधा • • 27. भेड़िया और कुत्ता•• 28. जूं और खटमल • 29. गौरैया और हाथी की लड़ाई • • 30. धूर्त सियार • • 31. शाही नौकर और व्यापारी • • 32. चूहा और तराजू•• 33. भेड़िया और सारस 34. सारस और लोमड़ी • • 35. कछुआ और खरगोश•• 36. चींटी और कबूतर • • 37. अकृतज्ञ मनुष्य.. 38. हंस और उल्लू • • 39. समझदार हंस•• 40. शेर और भेड़ • • 41. धर्मबुद्धि और पापबुद्धि.. 42. चिडिया और बंदर•• 43. इन्द्रदेव का तोता •• 44. मूर्ख सारस •• 45. चोर का बलिदान •• 46. चार दोस्त और शिकारी • • 47. समुद्र और पक्षी के अंडे • 48. चरवाहा और भेड़िया 49. दो यात्री और भालू • • 50. शेर का हिस्सा •• ●● 51. लालच बुरी बला • 52. खट्टे अंगूर•• 53. संगीतकार गधा 54. राक्षस और ब्राह्मण •• 55. ऊंट की घंटी•• 56. बाघ और यात्री •• 57. सियार ने हाथी को कैसे खाया • 58. मूर्ख गधा और शेर • • 59. बकरी और लोमड़ी•• 60. बत्तख और सोने के अंडे • • 61. ब्राह्मण और नाग • 62. अहंकारी हंस •• 63. त्याग .. 64. बूढ़ा आदमी और उसकी पत्नी 65. चुहिया की शादी•• 66. ब्राह्मण, चोर और राक्षस • • 67. ब्राह्मण का सपना•• 68. •• राजा और कुम्हार 69  नन्हा सियार• 70. चोर और बहरूपी राक्षस•• 71. पक्षियों का राजा•• 72. हाथी और खरगोश•• 73. धूर्त बिल्ला•• 74. नाग और चींटी•• 75. चूहा और हाथी • • 76. पंडित की बकरी•• 77. सोने की बीट देने वाला पक्षी • • 78. बोलने वाली गुफा •• 79. मूर्ख मेंढक•• 80. दो सांप•• 81. कौवों और उल्लुओं का युद्ध • • 82. बंदर और मगरमच्छ•• 83. शेर की खाल • 84. कुत्ते की शहर यात्रा •• 85. वफादार नेवला.. 86. मूर्ख नाई•• 87. शेर और चार बैल • • 88. अंधा गिद्ध और बिल्ली • • 89. बैल और बकरी•• 90. लालची कुत्ता•• 91. मूर्ख मेंढक और सांप • • 92. चार ब्राह्मण●● 93.राजा के बंदर • • 94. सियार और हाथी.. 95. कुत्ता और गधा •• 96. शेर बिल्ली और चूहा • • 97. बंदर और घंटी.. 98. लोमड़ी और कौवा • • 9 9. बंदर और बिल्लियां.. 100. प्यासा कौआ • • 101. शेर और चूहा • •

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My name is Sonu Patel i am from india i like write on spritual topic

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