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रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है

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रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है

आत्मा और परमात्मा का बंधन ही असली रक्षा का बंधन है
इसलिए हमें आत्मा को पूर्ण परमात्मा कबीर जी से जोड़ना चाहिए जो हमारी सभी प्रकार से रक्षा कर सकें।

असली रक्षक परमात्मा कबीर
परमात्मा के सिवाए हमें किसी अन्य से रक्षा की उम्मीद नहीं करनी चाहिए क्योंकि केवल परमात्मा ही पल पल पर हमारी रक्षा कर सकते हैं अन्य कोई नहीं।

जीवन रक्षक कबीर परमात्मा
हमारे सामने ध्रुव, प्रह्लाद, मीराबाई, द्रौपदी, रविदास जी जैसे अनेकों उदाहरण हैं जिनकी परमात्मा ने उनके इष्ट देव के रूप में प्रकट होकर पल पल पर रक्षा की और भक्ति की लाज बचाई । उस परमात्मा के सिवाए अन्य से रक्षा की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है

वास्तविक रक्षक यानी पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब को पहचान कर उनकी भक्ति की जाएगी तो कोई भी भाई व बहन अकाल मृत्यु को प्राप्त नहीं होगा।

कबीर परमात्मा ही चारों युगों में अलग-अलग नाम से प्रकट होकर सतभक्ति प्रदान करते हैं और अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी से सतभक्ति ग्रहण करके कबीर परमात्मा की भक्ति करें तभी रक्षा सम्भव है।

हम उनसे अपनी रक्षा की उम्मीद रखते हैं, जो खुद अपनी रक्षा नहीं कर सकते। रक्षा की प्रार्थना तो केवल पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब से ही करनी चाहिए। रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है

भगवान का रक्षाकवच पूर्ण परमात्मा की भक्ति करने से सर्व संकट टल जाते हैं और जीवन भर रक्षा होती है। क्योंकि परमात्मा आत्मा का असली साथी है।

रक्षा केवल भगवान ही कर सकता है। आयु भी भगवान ही बढ़ा सकता है। कबीर परमात्मा ही हैं जो ऐसी अनहोनी कर देते हैं अपने भक्त को सतभक्ति प्रदान करके। रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है

प्राकृतिक आपदाओं के समय कोई भी भाई बहन की रक्षा नहीं कर पाता है। उस समय तो पूर्ण परमात्मा ही है जो इस पूरे विश्व की रक्षा करते हैं। आत्मा के असली रक्षक पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी हैं।

हम एक दूसरे की रक्षा नहीं कर सकते। न जन्म देने वाले माता-पिता न भाई बहन, न दोस्त, न रिश्तेदार, न ही कोई डॉक्टर। रक्षा तो केवल वो कर सकता है जिसने मां के पेट में भी हम सबका पालन पोषण किया। परमात्मा ही जीव का असली रक्षक है।

कबीर परमात्मा से बड़ा जीवन रक्षक कोई नहीं है।
प्रत्येक बहन-बेटी को सच्चे परमात्मा को पहचान कर उनकी शरण ग्रहण करनी चाहिए क्योंकि परमात्मा से जोड़ा गया बंधन अटूट होता है। जीवन रक्षक परमात्मा कबीर परमात्मा की सतभक्ति करने से ही हमारी रक्षा हो सकती है।

आत्मा और परमात्मा का बंधन ही रक्षा का बंधन है। कबीर परमात्मा ही आत्मा का सच्चा रक्षक है।
पूर्ण संत से नाम दीक्षा लेकर परमेश्वर कबीर जी की सतभक्ति करने से पिछले सम्पूर्ण पापों का नाश होता है और सदैव भक्त की रक्षा होती है।

कबीर परमात्मा ही सारी पृथ्वी को बचा सकते हैं। वही सृष्टि के रचयिता हैं। उन्हीं की भक्ति करनी चाहिए। वही हमारे असली रक्षक हैं। रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है

कबीर परमात्मा ही सबके रक्षक हैं। पूर्ण परमात्मा समर्थ हैं जो अकाल मृत्यु को भी टाल सकते हैं। रक्षा करने का असली सामर्थ्य सिर्फ पूर्ण परमात्मा ही रखता है। रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है

कबीर परमात्मा की सतभक्ति पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी प्राप्त करने से ही हमारी पल-पल पर रक्षा हो सकती है। पवित्र वेदों में कबीर साहेब जी को ही अविनाशी परमात्मा बताया गया है। तो आइए उस समर्थ की शरण ग्रहण करें, जो हमारी पल-पल पर रक्षा करे। रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है

कबीर परमात्मा ही सबका रक्षक है आत्मा का असली साथी है, जिसके लिए कहते हैं
“त्वमेव माता च पिता त्वमेव त्वमेव बन्धु च सखा त्वमेव,
त्वमेव विद्या च द्रविणंम त्वमेव, त्वमेव सर्वं मम् देव देव।

मानव जीवन में आये दुःख का कहर पूर्ण परमात्मा की सत भक्ति से ही टल सकता है। इसलिए असली रक्षक पूर्ण परमात्मा हैं। देखें साधना टीवी शाम 07:30 बजे।

bhaktigyans

My name is Sonu Patel i am from india i like write on spritual topic

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