रंग रंग रा फूल खिले भजन lyrics
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रंग रंग रा फूल खिले भजन lyrics
( सन्त कबीरदासजी की वाणी )
रंग-रंग रा फूल खिले है।
अजब बाग गुल क्यारी में, राम बाग गुल क्यारी में।।टेर।।
(1) तख्त चार चौरासी क्यारी, जांकी सड़कों न्यारी-न्यारी।
पेड़ों से पेड़ बड़े है।। रंग-रंग रा फूल खिले है…
(2) कुआ एक बाग के मांही, धोरा तीन लाग्या है वाँही।
कुआ से बाग पिवेये है।। रंग-रंग रा फूल खिले है….
रंग रंग रा फूल खिले भजन lyrics
(3) मालण एक बागों रे , भर धोबो फुला को लाई।
मुख आगे लाय धरे है।। रंग-रंग रा फूल खिले है…
(4) बैठी मालण माला पोवे, दिल चाहे ले जावो कोई।
देवों के शीश चढ़े है।। रंग-रंग रा फूल खिले है…
(5) रामानन्द गुरू माला दोनी, कहे कबीर माला प्रेम सू लीनी।
घट मांही माला फिरे है।। रंग-रंग रा फूल खिले है…
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(1) पेला पेला देवरे गजानंद सिमरो
(2) मैं थाने सिमरु गजानंद देवा
(5) मनावो साधो गवरी रो पुत्र गणेश
(8) अब मेरी सुरता भजन में लागी
(11) मत कर भोली आत्मा
(14) गिगन में जाए खड़ी प्रश्न उत्तर वाणी
(20) गुरुजी बिना सुता ने कूण जगावे
(21) केसर रल गई गारा में
(22) पार ब्रह्म का पार नहीं पाया
(23) आयो आयो लाभ जन्म शुभ पायो
(24) इण विध हालो गुरुमुखी
(25) आज रे आनंद मारे सतगुरु आया पावणा
(27) गुरु समान दाता जग में है नहीं
(28) बलिहारी गुरुदेव आपने बलिहारी
(29) गुरु बिन घोर अंधेरा
(30) भोली सी दुनिया सतगरु बिन कैसे सरिया
रंग रंग रा फूल खिले
रंग रंग रा फूल खिले भजन lyrics