बलहारी गुरुदेव आपने बलहारी lyrics
बलहारी गुरुदेव आपने बलहारी lyrics
( सन्त श्री फूल गीरी जीरी वाणी )
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आप न होता जुगत में, तो कुण करे भारी सहाय।
भोगता दुःख भारी, हारे भीगता दुःख भारी ॥ टेर ॥
गुरु बिन अन्धा जाणजो, नहीं है आत्मज्ञान।
जगत पच पच हारी, हारे जगत पच पच हारी ॥ 1 ॥
बलहारी गुरुदेव आपने बलहारी lyrics
असंग जुगा रो सूतो मारो मनवो, सतगुरू दिया जगाय।
शब्द सुणाय शंका हरी, हारे शब्द सुणाय शंका हरी ॥ 2 ॥
जम सूं झगड़ा जीतिया, भवसागरीया रे मांय ।
भयो आनन्द भारी, हारे भयो आनन्द भारी ॥ 3 ॥
बलहारी गुरुदेव आपने बलहारी lyrics
फुलगिरी री विनती, दूर्बल करे पुकार।
अरज सुणलो मारी, हारे अरज सुणलो मारी ॥ 4 ॥
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