फजाईले आमाल के हकीकत अल्लाह और फजाइले जिक्र
अल्लाह और फजाइले जिक्र फजाईले आमाल के हकीकत
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पूर्ण परमात्मा अल्लाहु अकबर (अल्लाहु अकबर) ही सर्व पाप नाश (क्षमा) कर सकता है।फजाईले आमाल मुसलमानों की एक पवित्र पुस्तक है जिसमें पूजा की विधि तथा पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी का नाम विशेष रूप से वर्णित है। फजाईले जिक्र में आयत नंबर 1 से 7 तक स्पष्ट प्रमाण है जिसका विस्तार पूर्वक इल्म केवल बाख़बर (तत्वदर्शी संत) ही बता सकता है। वह बाख़बर संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं। फजाइले जिक्र “सुब्हानल्लाहि अल्हम्दु लिल्लाहि अल्लाहु अक्बरू”(कबिर्) अल्लाहु अक्बर ही परमेश्वर कबीर साहेब हैं। फजाइले जिक्र “कुल हूक्कू मूल्लाही हीलअल्ली लील कबीर” (7) हुक्म कबीर अल्लाह ही के लिए है, जो आलीशान है, बड़े रुत्बे वाला है। फजाईले आमाल के हकीकत
फजाइले दरूद शरीफ “मन सल्ला अला रूहि मुहम्मदिन फिल् अर्वाहि व अला-ज-स दिही फिल् अज्सादि व अला कबिर् ” (कबीर) ही फिल कुबूरि व इन्नहाल कबीर तुन इल्ला अलल् खाशिलीनल्लजीन यजुन्नून अन्नहुम मुलाकू रग्बिहिन व अन्नहुम इलैहि राजिऊन।” इससे सिद्ध है कि प्रभु कबीर नाम से है तथा आकार में है, ऊपर सत्यलोक में अपने तख्त पर रहता है। फजाइले जिक्र “माजा काला रब्बूकूम कालू लूलहक्का वाहोवर अल्लीयू उल्ल कबीर” (6) (जब फरिश्तों को कबीर अल्लाह की तरफ से कोई हुक्म होता है तो वे खौफ के मारे घबरा जाते हैं) यहाँ तक कि जब उनके दिलों से घबराहट दूर हो जाती है, तो एक दूसरे से पूछते हैं कि कबीर परवरदिगार का क्या हुक्म है ? वाकई वह (कबीर) आलीशान और मर्तबे वाला है। फजाइले जिक्र “थाजालीका सहारा लाकुम लीतू कबीरू बुल्लाह आला महादा कुम बसीरी रील मोहसीनीन” (3)
इसी तरह अल्लाह जल्ल शानुहू ने तुम्हारे लिए मुसख्खर कर दिया ताकि तुम कबीर अल्लाह की बड़ाई बयान करो। फजाइले जिक्र “अल्लीमूल गैब बसाहादाती तील कबीर रूलमुतालू” (2) वह कबीर अल्लाह तमाम पोशीदा और जाहिर चीजों का जानने वाला है(सबसे) बड़ा है और आलीशान रुत्बे वाला है। “बल्लत कबीर बूल्लाह आला महादाकुप वाला अल्ला कुम तरकोरून” (1)फजाईले आमाल के हकीकत
और ताकि तुम कबीर अल्लाह की बड़ाई बयान करों, इस बात पर कि तुम को हिदायत फरमायी और ताकि तुम शुक्र करो अल्लाह तआला का। फजाईले जिक्र में आयत नं. 1, 2, 3, 6 तथा 7 में स्पष्ट प्रमाण है कि ब्रह्म(काल अर्थात् क्षर पुरूष) कह रहा है कि तुम कबीर अल्लाह की बड़ाई बयान करो। अल्लाहु अक्बर का भाव है भगवान कबीर (कबीर साहेब अर्थात् कविर्देव)। फजाईले दरूद शरीफ़ में भी कबीर नाम की महिमा का प्रत्यक्ष प्रमाण छुपा नहीं है। इति सिद्धम कबीर साहेब ही अल्लाह हैं अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा उर्दू हिन्दी इंग्लिश आदि 🙏🏻🌹धन्यवाद🌹🙏🏻 फजाईले आमाल के हकीकत
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