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जीवत ही करूँ आसा भजन lyrics

जीवत ही करूँ आसा भजन lyrics

 ( सन्त कबीर दास जी की वाणी )

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सन्तों भाई जीवत ही करूँ आसा
मुऐ मुक्ति गुरू कहे स्वार्थी झूठा दे विश्वासा ॥ टेर ॥

जीवत समझे जीवत बूझे, जीवत होय भ्रम नासा ।
जीवनमुक्त जो भरे मिले, ताहि गये मुक्तिनिवासा ॥ 1 ॥

मनही से बन्धन मनही से मुक्ति, मनही का सकल विलासा।
जो मन भयो जीवत बश में नहीं, तो देवे बहु त्रासा ॥ 2 ॥

जो अब है सो तबहूँ मिले है, ज्यों स्वप्ने जग भासा ।
जहाँ आसा तहाँ वासा होवे, मन का यही तमाशा ॥ 3 ॥

जीवत होय दया सतगुरू की, घट में ज्ञान प्रकाशा ।
कहे कबीर मुक्त तुम होवो, जीवत ही धरमीदासा ॥ 4 ॥

bhaktigyans

My name is Sonu Patel i am from india i like write on spritual topic

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