चौसठ जोगनी भजन लिरिक्स
चौसठ जोगनी भजन लिरिक्स
चौसठ जोगणी रे भवानी, देवलिये रमजाय
घूमर घालणि रे भवानी, देवलिये रमजाय ||
दोहा –
देवा में देवी बड़ी, और बड़ी जगदम्बे माय,
लज्जा मोरी राखियो, कीजो म्हारी सहाय,
कीजो म्हारी सहाय, शरण में आया तेरी,
जगदम्बे महारानी माँ, लाज रख दीजो म्हारी ||
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
चौसठ जोगनी भजन लिरिक्स
देवलिये रमजाय म्हारे, आंगणिये रमजाय,
चौसठ जोगणी रे भवानी, देवलिये रमजाय
घूमर घालणि रे भवानी, देवलिये रमजाय ||
हंस सवारी कर मोरी मैया, ब्रम्हा रूप बणायो,
ब्रम्हा रूप बणायो नवदुर्गा, ब्रम्हा रूप बणायो,
चार वेद मुख चार बिराजे, चारा रो जस गायो ||
घूमर घालनी रे भवानी, देवलिये रमजाय ||
गरुड़ सवारी कर मेरी मैया, विष्णु रूप बणायो,
विष्णु रूप बणायो नवदुर्गा, विष्णु रूप बणायो,
गदा पदम संग चक्र बिराजे, मधुबन रास रचायो ||
घूमर घालनी रे भवानी, देवलिये रमजाय ||
नंदी सवारी कर मेरी मैया, शक्ति रूप बणायो,
शक्ति रूप बणायो नवदुर्गा, शक्ति रूप बणायो,
जटा मुकुट मै गंगा खळके, शेष नाग लीपटायो ||
चौसठ जोगनी भजन लिरिक्स
घूमर घालनी रे भवानी, देवलिये रमजाय ||
सिंघ सवारी कर मेरी मैया, शक्ति रूप बणायो,
शक्ति रूप बणायो नवदुर्गा, शक्ति रूप बणायो,
सियाराम तेरी करे स्तुति, भक्त मंडल जस गायो ||
घूमर घालनी रे भवानी, देवलिये रमजाय ||
चौसठ जोगणी भवानी, देवलिये रमजाय,
घूमर घालणि रे भवानी, देवलिये रमजाय |
मुझे उम्मीद है मित्रों की यह जोगमय के भजन पद रचनाएं आपको पसंद आई होगी अगर भजन पसंद आए तो कृपया लाइक करें कमेंट करें एवं अपने प्रिय दोस्तों में शेयर जरुर करें साथ-साथ अगर आप अन्य कवियों संतो के भजन पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक समरी पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं। धंयवाद!
मेरे प्रिये मित्रों से एक प्राथना है कि आप मेरे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें और अपना छोटा भाई समझ कर स्पोर्ट जरूर करें भजनों का चैनल है। 🔜 【 क्लिक करें 】
ज्यादा पढ़ने के लिए कृपया यहाँ नीचे समरी पर क्लिक करें 👇
(1) पेला पेला देवरे गजानंद सिमरो (2) मैं थाने सिमरु गजानंद देवा (3) सन्तो पूजो पांचोहि देवा (4) गणपत देव रे मनाता (5) मनावो साधो गवरी रो पुत्र गणेश (6) सन्तो मैं बाबा बहुरंगी (7) सन्तो अविगत लिखीयो ना जाई (8) अब मेरी सुरता भजन में लागी (9) अब हम गुरु गम आतम चीन्हा (10) काया ने सिणगार कोयलिया (11) मत कर भोली आत्मा (12) जोगीड़ा ने जादू कीन्हो रे (13) मुसाफिर मत ना भटके रे (14) गिगन में जाए खड़ी प्रश्न उत्तर वाणी (15) जिस मालिक ने सृष्टि रचाई (16) बर्तन जोये वस्तु वोरिए (17) गुरु देव कहे सुन चेला (18) संतो ज्ञान करो निर्मोही (19) मोक्स का पंथ है न्यारा (20) गुरुजी बिना सुता ने कूण जगावे (21) केसर रल गई गारा में (22) पार ब्रह्म का पार नहीं पाया (23) आयो आयो लाभ जन्म शुभ पायो (24) इण विध हालो गुरुमुखी (25) आज रे आनंद मारे सतगुरु आया पावणा (26) मारे घरे आजा संत मिजवान (27) गुरु समान दाता जग में है नहीं (28) बलिहारी गुरुदेव आपने बलिहारी (29) गुरु बिन घोर अंधेरा (30) भोली सी दुनिया सतगरु बिन कैसे सरिया 31 मोको कहां दूढेरे बन्दे Lyrics