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गुरू मिल्या ब्रह्मज्ञानी भजन lyrics

गुरू मिल्या ब्रह्मज्ञानी भजन lyrics 

( सन्त श्री हेम नाथ जी की वाणी )

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साधे भाई गुरू मिल्या ब्रह्मज्ञानी ।
ज्ञान सुणाय कियो हरि नेड़ो, बात अगम वाली जाणी ॥ टेर ॥

गुणपत सुरस्वती शारद सिमरू, देजो अनुभव वाणी ।
परस्त-परस्त पीर परस्या, परसी पीरो री निशाणी ॥ 1 ॥

दील में दरशिया प्रेम से परशिया, परशी गुरा री सैलाणी ।
अगम निगम रा भेद बताया, आदु जुगा री ओलखाणी ॥ 2 ॥

अला खूदा भाई अलख निरंजन, निराकार निर्वाणी ।
हरदम हेर घेर कर लावो, मिल्या तो सत री निशानी ॥ 3 ॥

गुरू अब धुता पुरा गुरू मिल्या, गुरू मिल्या गम जाणी।
कहे हेमनाथ सुणो भाई सन्तो, सुरतां तो सहज समाणी ॥ 4 ॥

bhaktigyans

My name is Sonu Patel i am from india i like write on spritual topic

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