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ओछी संगत मत करीये भजन lyrics

ओछी संगत मत करीये भजन lyrics

( श्री पं. रामलाल जी की वाणी )

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मन मेरा ओछी संगत मत करीये ।
थांरा गुरा पीरो सु डरिये ॥ टेर ॥

नर हर फन्द रचीयो इण जुगमें, देख ने डरिये ।
काटे फन्द होवो बडभागी, निरख निरदख पग धरीये ॥ 1 ॥

केल केवड़ा तीजी बोलड़ी, एकण थोणे नहीं धरीये।
अछम पिछम रा वाजे वारीयाँ, केल काँटो से डुरीये ॥ 2 ॥

पाका वृक्ष हुआ पंछी भेला, कचबस कचबस करीये।
कागा रे संग जाय हंसालो बैठो, बिना मौत से मरीये ॥ 3 ॥

चन्द्र सूरज भेली सुखमणा, नित उठ दर्शन करीये ।
रामलाल गुण पंड़ित गावे, थोड़ा कलियुग देख ने ड्ररीये ॥ 4 ॥

 

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(1) पेला पेला देवरे गजानंद सिमरो (2) मैं थाने सिमरु गजानंद देवा (3) सन्तो पूजो पांचोहि देवा (4) गणपत देव रे मनाता (5) मनावो साधो गवरी रो पुत्र गणेश (6) सन्तो मैं बाबा बहुरंगी (7) सन्तो अविगत लिखीयो ना जाई (8) अब मेरी सुरता भजन में लागी (9) अब हम गुरु गम आतम चीन्हा (10) काया ने सिणगार कोयलिया (11) मत कर भोली आत्मा (12) जोगीड़ा ने जादू कीन्हो रे (13) मुसाफिर मत ना भटके रे (14) गिगन में जाए खड़ी प्रश्न उत्तर वाणी (15) जिस मालिक ने सृष्टि रचाई (16) बर्तन जोये वस्तु वोरिए (17) गुरु देव कहे सुन चेला (18) संतो ज्ञान करो निर्मोही (19) मोक्स का पंथ है न्यारा (20) गुरुजी बिना सुता ने कूण जगावे (21) केसर रल गई गारा में (22) पार ब्रह्म का पार नहीं पाया (23) आयो आयो लाभ जन्म शुभ पायो (24) इण विध हालो गुरुमुखी (25) आज रे आनंद मारे सतगुरु आया पावणा (26) मारे घरे आजा संत मिजवान (27) गुरु समान दाता जग में है नहीं (28) बलिहारी गुरुदेव आपने बलिहारी (29) गुरु बिन घोर अंधेरा (30) भोली सी दुनिया सतगरु बिन कैसे सरिया

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My name is Sonu Patel i am from india i like write on spritual topic

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