Hindu

मैं थाने सिमरु गजानंद देवा lyrics

मैं थाने सिमरु गजानंद देवा lyrics

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

 

मैं थाने सिमरू गुजानंद देवा म्हारे वचना रा पूरण वाला जिओ सरस्वती मैया शारदा ने सीमरू मारे हिवडे करोनी अजवाला जिओ निंद्रा निवारो भोला नाथ जी।।टेर।।

(1) जरणी नी जायो उदर नहीं आयो, गवरी रो लाल कहायो जिओ।।

(2) पाणी जेड़ो पातलो पवन जेड़ो, जीनो शोभा वरणी नी जायो जियो।।

(3) हाथ गालु तो हीरो हाथ में नही आवे, नजरा में नहीं रे समावे जियो।।

(4) शुण्ड शुंडालो बाबो थुण्ड थुंडालो, अमिया रे अंग उपजायो जियो।।

(5) मछंदर प्रताप जति गोरख बोले, लजिया बोने ने वाली राखो जियो।।

 

इस भजन को सुनने के लिए क्लिक करें 🔜 पेला पेला देव रे गजानन सिमरो

 

इस भजन की रचना मछंदर नाथ जी महाराज के परम शिष्य श्री गोरखनाथ जी महाराज द्वारा की है यह वेकरी वाणी पर आधारित है। गणपति वंदना मैं थाने सिमरु गजानंद देवा lyrics मुझे उम्मीद है मित्रों की यह भजन आपको जरूर पसंद आया होगा मित्रों भजन से संबंधित कोई भी जानकारी प्राप्त करने हेतु आप हमसे संपर्क कर सकते हैं मित्रों यदि आप कथा कहानियां छंद दोहे सवैया आदि पढ़ने की इच्छुक हैं तो कृपया नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं। मैं थाने सिमरु गजानंद देवा lyrics

कवि गंग के दोहे    गिरधर कविराय की कुंडलियां     रसखान के सवैया     उलट वाणी छंद    गोकुल गांव को पेन्डो ही न्यारौ ब्रह्मा विष्णु महेश की उत्पत्ति कैसे हुई       राजा निर्मोही की कथा      गज और ग्राह की कथा      चौबीस सिद्धिया वर्णन      सच्चे संत के क्या लक्षण है?   धर्म क्या है?    शराब छुड़ाने का रामबाण उपाय     बलात्कार रोकने के कुछ उपाय      आत्मबोध जीव ईश्वर निरूपण      शंकराचार्य जी का जीवन परिचय      सती अनुसूया की कथा     अत्रि ऋषि की कथा  भक्त प्रहलाद की कथा     यमराज की कथा   सनकादि ऋषियों की कथा     देवर्षि नारद की कथा     वशिष्ठ ऋषि की कथा    भृगु ऋषि की कथा     महर्षि ऋभु की कथा     गोस्वामी समाज का इतिहास     कपिल मुनि की कथाा     कश्यप ऋषि की कथा      आत्महत्या दुखों का निवारण नहीं  आध्यात्मिक ज्ञान प्रश्नोत्तरी

राजिया रा सौरठा

bhaktigyans

My name is Sonu Patel i am from india i like write on spritual topic

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page