मनवा नाच रे मन लेरी भजन lyrics
( सन्त कबीर जी की वाणी )
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मनवा नाच रे मन लेरी ।
सत रो बाँस रोप मन नटवा, दया धर्म री ड़ोरी ॥ टेर ॥
सत रो डंको ज्ञान ढोलकी, बाज रही गम गेरी ।
सतगुरू मुझ पर कृपा किनी, दीनी समझ घणेरी ॥ 1 ॥
खम्या घूँघरा बान्ध पगो रे, कमर कस ले पेली ।
क्षण में बाहर क्षण में भीतर, नाच रह्यो दे फेरी ॥ 2 ॥
गुरूगम कला खेल मन नटवा और कला बहु तेरी ।
अविनाशी रे आगे नाचु पाई मौज घोरी ॥ 3 ॥
सुरत शब्द रे मेलो मिलियो, दीनी गगन में फेरी ।
कहत कबीर सुणो भाई साधु, सत नाम पर ठेरी ॥ 4 ॥