गणपत देव रे मनाता भजन lyrics ।
भजन
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गणपत देव रे मनाता भजन lyrics
साधु भाई गणपत देव रे मनाता।।
गणपति सुमरीया सदा सुख पावै दुख दरिद्र नशाता।।टेर।।
(1) तुम गणनायक सन्त सहायक बुद्धि विधायक त्राता।
दुष्ट विदारक सब सुख लायक ऋषि मुनिवर ध्याता।।
(2) शंकर पिता माता पार्वती कार्तिक है भ्राता।
प्रथम पुज्ये भये तुम स्वामी वेद पुराणों में गाथा।।
(3) शंकर युद्ध किया दाना से दाना मरण नहीं पाता।
गणपति सुमर बाण जद बायो दाना मुक्त हो जाता।।
(4) तुम गणनायक सब सुख लायक ह्रदय ज्ञान बतलाता।
कल्याण भारती तव शरणागत चरण कमल चित लाता।।
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【 पेला पेला देव रे गजानन सिमरो 】
यह गणपत देव रे मनाता भजन lyrics भजन कल्याण भारती जी महाराज द्वारा रचित बेकरी वाणी पर आधारित है इस भजन में गजानंद जी महाराज के शुभ गुणों का शुभ गुणों पर प्रकाश डाला है उन्होंने बताया है कि कैसे आदि गणेश हमारे विघ्नों का नाश करते हैं और हमारे शुभ कार्यों को निर्विघ्न रुप से सार्थक करते हैं इस पर प्रकाश डाला है मित्रों यह भजन अगर आपको पसंद आए तो कृपया लाइक करें तथा अपना कोई अनमोल अमूल्य सुझाव हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें तथा साथ ही साथ अपने प्रिय मित्रों में शेयर जरूर करें मित्रों अगर आप कथा कहानियां छंद दोहे सवैये आदि पढ़ने के इच्छुक हैं तो कृपया नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं गणपत देव रे मनाता भजन lyrics हमारी साइट को विजिट करने के लिए आपका तहे दिल से धन्यवाद।
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