अब तु चेत सके तो चेत lyrics । चेतावनी भजन लिरिक्स
अब तु चेत सके तो चेत lyrics
(सन्त श्री बन्नीरामजी की वाणी )
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ओ तन जासी जासी रे, अब तु चेत सके तो चेत।
मानुष तन दुर्लभ मिलियो रे, करले हरि से हेत ॥ टेर ॥
सब जग दीसे जावता, रहता ना दीसे एक ।
काल सभी ने खावसी, क्या जगत क्या भेक ॥ 1 ॥
माता-पिता मिल बिछड़े, बहुरि मिलन ना होय ।
जीव ने जम ले जावसी, राख सके ना कोय ॥ 2 ॥
किण अवसर में जावे नहीं, मूरख मन अजाण ।
अन्त समय जम लुटसी, होसी बहुत अकाज ॥ 3 ॥
अन्नतः कोटि संतजन कहिये, सतगुरू केवे बजाय ।
बन्नीराम मिले शब्द से, जहां काल न पहुचे आय ॥ 4 ॥